Fasal Sahayata Yojana Bihar 2025: बिहार फसल सहायता योजना किसानों को मिलेंगे 20000, ऐसे करें आवेदन

Fasal Sahayata Yojana Bihar 2025: किसान जब खेत में मेहनत करता है तो उसकी सबसे बड़ी उम्मीद होती है अच्छी फसल की पैदावार। लेकिन प्राकृतिक आपदाएँ जैसे बाढ़, सुखाड़, ओलावृष्टि या अधिक वर्षा कभी-कभी सारी मेहनत पर पानी फेर देती हैं। ऐसे में किसान कर्ज के बोझ तले दब जाता है। इस समस्या से निपटने और किसानों को आर्थिक सहारा देने के लिए बिहार सरकार ने बिहार फसल सहायता योजना (Bihar Fasal Sahayata Yojana) की शुरुआत की थी।
यह योजना पूरी तरह से निःशुल्क है और किसानों से किसी प्रकार का प्रीमियम नहीं लिया जाता। अगर खरीफ या रबी की फसल में नुकसान होता है, तो सरकार सीधे डीबीटी (DBT) के माध्यम से सहायता राशि किसानों के खाते में भेजती है। खरीफ 2025 के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और किसान 31 अक्टूबर 2025 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
Fasal Sahayata Yojana Bihar 2025 Overview
बिंदु | विवरण |
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योजना का नाम | बिहार राज्य फसल सहायता योजना |
लागू राज्य | बिहार |
लाभार्थी | राज्य के सभी श्रेणी के किसान (रैयत/गैर-रैयत/आंशिक) |
सहायता राशि | 20% तक नुकसान – ₹7,500 प्रति हेक्टेयर 20% से अधिक नुकसान – ₹10,000 प्रति हेक्टेयर |
अधिकतम सीमा | प्रति किसान अधिकतम 2 हेक्टेयर |
आवेदन अंतिम तिथि | 31 अक्टूबर 2025 |
आवेदन माध्यम | कृषि विभाग का DBT पोर्टल |
भुगतान का तरीका | सीधे DBT के जरिए बैंक खाते में |
शुल्क | पूरी तरह निःशुल्क (कोई प्रीमियम नहीं) |
बिहार फसल सहायता योजना क्या है?
बिहार फसल सहायता योजना किसानों को प्राकृतिक आपदा या अन्य कारणों से फसल खराब होने पर वित्तीय मदद देने की एक राज्य स्तरीय पहल है। इस योजना की खासियत यह है कि किसान को इसके लिए कोई प्रीमियम नहीं भरना पड़ता।
अगर किसी जिले या पंचायत में फसल उत्पादन औसत से 20% या उससे अधिक घट जाता है, तो सरकार प्रभावित किसानों को सहायता देती है।
- 20% तक की क्षति पर किसानों को ₹7,500 प्रति हेक्टेयर की दर से मदद मिलती है।
- 20% से अधिक क्षति पर किसानों को ₹10,000 प्रति हेक्टेयर की दर से मदद दी जाती है।
प्रति किसान अधिकतम 2 हेक्टेयर भूमि पर ही सहायता उपलब्ध है।
Fasal Sahayata Yojana Bihar 2025 का उद्देश्य
इस योजना का मुख्य उद्देश्य है कि प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित किसानों को बिना बीमा प्रीमियम के आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना। किसान अक्सर बीमा प्रीमियम देने से कतराते हैं या कई बार बीमा का लाभ नहीं मिल पाता। इस स्थिति में यह योजना उनके लिए भरोसेमंद सुरक्षा कवच का काम करती है।
Fasal Sahayata योजना के फायदे
बिहार राज्य फसल सहायता योजना किसानों को कई तरह से फायदा देती है।
- बिना प्रीमियम योजना – किसानों को कोई बीमा प्रीमियम नहीं देना पड़ता।
- तेजी से मदद – फसल क्षति का सत्यापन होने के बाद सीधे बैंक खाते में पैसा ट्रांसफर होता है।
- DBT प्रणाली – किसी बिचौलिये के बिना सीधे लाभार्थी तक राशि पहुँचती है।
- सभी श्रेणी के किसानों को लाभ – रैयत, गैर-रैयत और आंशिक रैयत-गैर रैयत श्रेणी के किसान भी लाभ उठा सकते हैं।
- शहरी किसानों को भी लाभ – नगर पंचायत और नगर परिषद क्षेत्रों के किसान भी इस योजना में शामिल हैं।
कौन आवेदन कर सकता है?
इस योजना का लाभ राज्य के हर श्रेणी के किसान उठा सकते हैं, बशर्ते वे पात्र हों।
- रैयत किसान
- गैर-रैयत किसान
- आंशिक रूप से रैयत और गैर-रैयत किसान
- नगर पंचायत और नगर परिषद क्षेत्रों के किसान
Fasal Sahayata Yojana Bihar 2025: आवेदन प्रक्रिया
- किसान को सबसे पहले कृषि विभाग के DBT पोर्टल पर लॉगिन करना होगा।
- पोर्टल पर अपने आधार नंबर और मोबाइल नंबर से पंजीकरण करना होगा।
- आवेदन के दौरान किसान को अपनी फसल, बुआई की तारीख और बुआई क्षेत्र की जानकारी भरनी होगी।
- संबंधित दस्तावेज जैसे जमीन का कागज, पहचान पत्र, बैंक पासबुक की कॉपी आदि अपलोड करने होंगे।
- फसल कटाई के समय प्रयोग आधारित उपज दर के आंकड़ों से प्रभावित क्षेत्रों की पहचान की जाएगी।
- चयनित किसानों के दस्तावेजों का सत्यापन किया जाएगा।
- सत्यापन के बाद राशि सीधे किसान के आधार-लिंक्ड बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से भेज दी जाएगी।
ध्यान रखें: गलत या अधूरी जानकारी देने पर आवेदन स्वतः रद्द हो जाएगा।
निष्कर्ष
बिहार फसल सहायता योजना किसानों के लिए बड़ी राहत की योजना है। प्राकृतिक आपदाओं के कारण अगर फसल खराब हो जाए, तो किसानों को बिना प्रीमियम दिए सीधे सरकार से आर्थिक मदद मिलती है। इस योजना का सबसे बड़ा फायदा यह है कि पैसा सीधे किसान के बैंक खाते में जाता है, जिससे पारदर्शिता बनी रहती है।
हालांकि, इसमें कुछ सीमाएँ हैं, जैसे प्रति किसान केवल 2 हेक्टेयर तक ही लाभ और औसत उपज दर पर आधारित सहायता। इसके बावजूद यह योजना छोटे और मध्यम वर्ग के किसानों के लिए जीवन रक्षक साबित होती है।
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इसलिए, यदि आप बिहार के किसान हैं और खरीफ 2025 की बुआई की है, तो 31 अक्टूबर 2025 से पहले-पहले कृषि विभाग के DBT पोर्टल पर आवेदन जरूर करें। यह योजना आपको प्राकृतिक आपदा के समय आर्थिक सुरक्षा देगी और खेती को स्थिर बनाए रखने में मदद करेगी।